शिक्षण-आधिगम प्रक्रिया में शैक्षिक-तकनीकी की आवश्यकता
समकालीन दुनिया में जहां शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया की वास्तविक कक्षा व्यवस्था कोरोना महामारी के कारण ठप हो गई है| ऐसे समय में शैक्षिक तकनीकी की भूमिका और भी बढ़ गई है क्योंकि अब शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को जारी रखने का एकमात्र तरीका आभासी कक्षाओं को संचालित करना ही बचा है| हाँलाकि शैक्षिक तकनीकी का प्रयोग कोरोना के पहले भी शिक्षण-आधिगम प्रक्रिया को प्राभावी बनाने हेतु निर्विवाद आवश्यकता बन चुकी थी, परन्तु अब यह अनिवार्य आवश्यकता में बदल चुकी है| एक छात्राध्यापक को शिक्षण आधिगम प्रक्रिया को प्राभावी बनाने हेतु ही शैक्षिक-तकनीकी पढ़ाना आवश्यक नही है अपितु संस्थान के प्रशासनिक कार्य को तीव्रता से एवं त्रुटिरहित रूप से सम्पादित करने हेतु आवश्यक है| शैक्षिक तकनीकी के मद्ध्यम से विद्यार्थियों की प्रगति अभिलेख तथा उनका शैक्षणिक अभिलेख जैसे उनका अंकपत्र या इनके अंकों का तुकनात्मक अध्ययन तथा एक शिक्षक को अपने विद्यालय प्रबंधन से संपर्क बनाने में अत्यंत सुविधा एवं शीघ्रता होती है|
धर्मेन्द्र कुमार पाल
बी.एड. (तृतीय छमाही)
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