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स्मार्ट क्लास की रूपरेखा

      समय के साथ साथ हमें परंपरागत शिक्षण विधियों को छोड़ते हुए आज की आधुनिकता को देखते हुए नई-नई शिक्षण नीतियां लाने की जरूरत है । वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए हमें शिक्षा में तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता है। जिससे कि हमारे समाज में नई शिक्षा क्रांति लागू हो। इस प्रकार की शिक्षा से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा तथा समय की बचत होगी और बेहतर शिक्षा मिलेगी साथ ही साथ बच्चों के जो बस्तों का बोझ होता है वह भी कम होगा ।       जिससे कि शिक्षा का दायरा विस्तृत रूप से समझने में और समस्या को हल करने में मदद मिल सके। इससे के संदर्भ में हमें आज परंपरागत अध्ययन कक्ष और विद्यार्थी और शिक्षक के बीच एक सही ढंग से वार्तालाप हो सके और समय की बचत हो इसीलिए अभी स्मार्ट क्लास की आवश्यकता है  स्मार्ट क्लास की रूपरेखा               मार्च 2019 में प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान करके एक योजना लाई गई । जिसका नारा था " पढ़े चलो बढ़े चलो " इस योजना के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों को आज की आधुनिकता के साथ जोड़ना और उसमें नई शैक्षिक तकनीकीयों पर जोर देते स्मार्ट

स्मार्ट क्लास का स्वरूप

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            तस्वीर स्रोत:गूगल # अर्थ व अवधारणा :- अंग्रेजी शब्द SMART CLASS  का हिंदी रूपांतरण  'आधुनिक कक्षा'  होता है।जहाँ  आधुनिक से तात्पर्य 'तकनीकी सुविधा' से है। तकनीकी सुविधा से आशय क्लास में स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर, वाईफाई और प्रोजेक्टर का उपलब्ध होना है। इसके माध्यम से पठन-पाठन की जाती है ।इसलिए स्मार्ट क्लास को डिजिटल क्लास भी कहा जाता है। लेकिन जिस स्कूल में तकनीकी सुविधाओं का अभाव होता है, टूटा ब्लैक बोर्ड,टूटी -मैली बेंच, धूल जमी कुर्सियां होती है, उसे पारंपरिक या ट्रेडिशनल क्लास कहा जाता है ।जबकि स्मार्ट क्लास में सब कुछ चमचमाते नजर आता हैं।स्मार्ट क्लास  तकनीक सहित सभी सुविधाओं से  भरपूर होता है। इतना ही नहीं व्यक्तित्त्व विकास का पूरा इंतजाम होता है ।जहां विद्यार्थी बोर नहीं होता है और तेजी से सीखता है ।आधुनिक तकनीक से रूबरू होता है। स्मार्ट क्लास में प्रोजेक्टर पर फ़िल्म स्लाइडर के माध्यम से विद्यार्थियों की हर जिज्ञासा का त्वरित समाधान होता है। प्रश्न कितना भी कठिन क्यों ना हों ,उसका निराकरण चंद मिनटों में संभव दिखता हैं ।  विद्यार्थी कंप्यूट

शिक्षण अधिगम में शैक्षिक तकनीकी की आवश्यकता एवम लाभ..

तकनीकी शिक्षा समग्र शिक्षा  प्रणाली में एक बड़ा हिस्सा योगदान देती है और हमारे देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।भारत में, तकनीकी शिक्षा को विभिन्न स्तरों पर प्रदान किया जाता है,जैसे कि शिल्प कौशल, डिप्लोमा और डिग्री, स्नातकोत्तर और विशेष क्षेत्रो में अनुसंधान ,तकनीकी विकास और आर्थिक प्रगति के विभिन्न पहलुओं को पूरा करना है। शिक्षण अधिगम में शैक्षिक तकनीकी के पहलू पर नजर डाले तो शिक्षण में चार चांद लगाने का कार्य शिक्षण तकनीकी ही करती है , शैक्षिक तकनीकी शिक्षण अधिगम को समकालीन वातावरण से जोड़कर शैक्षिक अधिगम को सरल बनाता है। शिक्षण अधिगम में शैक्षिक तकनीकी के लाभ=   1. शिक्षण अधिगम में शैक्षिक तकनीकी से अधिगम सुगम और सरल हो जाता है जिसके कारण छात्रों और शिक्षकों को पठन- पाठन में सहायता मिलती है। 2. शैक्षिक तकनीकी से अधिगम को रोचक एवम आकर्षक बनाया जा सकता है। 3. शिक्षण अधिगम को तकनीकी दुनिया से जोड़ने का कार्य शैक्षिक तकनीकी से ही संभव है। 4. शिक्षण अधिगम में शैक्षिक तकनीकी के लाभ के नजरिया से आधुनिकता को जोड़े रहता है। 5. शैक्षिक तकनीकी अधिगम को रोचक एवम आ

स्मार्ट क्लासरूम : संक्षिप्त परिचय एवं लाभ

 स्मार्ट क्लासरूम शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की परंपरागत विधि के इतर आज के वर्तमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी युग की एक तकनीक आधारित शिक्षण अधिगम प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक परम्परागत शैक्षिक संसाधनों जैसे-श्यामपट्ट,पुस्तकें,चॉक,डस्टर आदि,के सहायता के बिना एक आधुनिक स्मार्टबोर्ड की सहायता से कक्षा में चित्रों,विडियो,लेख के आधार पर बहुत ही रोचक तरीके से शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को संचालित करते हैं। इसे हम डिजिटल क्लासरूम या संगणक सहायक शिक्षण अधिगम प्रक्रिया भी कहते हैं कयोंकि संगणक इसका आधार है। वर्तमान परिस्थितियों या यूँ कहें की शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में समय की बदलती माँग के अनुसार शिक्षण विधियों में सुधार,उसे सुगम व्यापक, विद्यार्थियों की उचित भागीदारी एवं उनमें शिक्षा के प्रति रोचकता तथा लगाव को बनाये रखने में सरकार द्वारा विद्यालयों के पाठ्यक्रम को स्मार्ट कलासरूम की सहायता से संचालित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके। स्मार्ट क्लासरूम के लाभ: 1. स्मार्टक्लास की आधुनिक प्रणाली ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच एक मित्रवत वातावरण का निर्माण कि

शिक्षण अधीगमता में शैक्षिक तकनीकी आवश्यकता एवम् लाभ के सन्दर्भ में..

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 अधीगमता में शैक्षिक तकनीकी की आवश्यकता के सन्दर्भ में यह अपरिहार्य ही आ जाता है की इस आधुनिकता के युग में शिक्षण अधिगम में शैक्षिक प्रसार हेतु शैक्षिक तकनीकी की मांग और आवश्यकता की बहुमूल्यता क्या है। शैक्षिक तकनीकी शब्द से ही स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षा में विशेष क्रियात्मक विधि से शिक्षण l आज शिक्षा पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहकर व्यवहारिक परिवर्तन बन गई है शैक्षिक तकनीकी द्वारा शिक्षक अपने शिक्षण अधिगम में जानकारी प्राप्त कर सकते है जिसके फलस्वरूप अधिगम को और भी सरल एवम् सहज बनाया जा सकता है।  शिक्षण अधिगम   में शैक्षिक तकनीक के लाभ के सन्दर्भ को निम्नलिखित रूप से पिरोया जा सकता है  -  1. शिक्षण अधिगम में सहजता मिलती है। 2. शिक्षण अधिगम में सटीकता एवम सुगमता मिलती है। 3. शिक्षक और छात्र के संबंध को सुगमता मिलती है। 4. छात्रों  को आधुनिक युग से जोड़कर उसमे परिपक्वल प्रदान करती है। 5. शिक्षण  अधिगम को रोचक बना कर छात्रों को शिक्षण में कुशलता और सम्बन्ध को प्रदर्शित करती है।                 विद्यार्थी           आकाश सिंह 

शिक्षण-आधिगम प्रक्रिया में शैक्षिक-तकनीकी की आवश्यकता

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फोटो :साभार समकालीन दुनिया में जहां शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया की वास्तविक कक्षा व्यवस्था कोरोना महामारी के कारण ठप हो गई है| ऐसे समय में शैक्षिक तकनीकी की भूमिका और भी बढ़ गई है क्योंकि अब शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को जारी रखने का एकमात्र तरीका आभासी कक्षाओं को संचालित करना ही बचा है| हाँलाकि शैक्षिक तकनीकी का प्रयोग कोरोना के पहले भी शिक्षण-आधिगम प्रक्रिया को प्राभावी बनाने हेतु निर्विवाद आवश्यकता बन चुकी थी, परन्तु अब यह अनिवार्य आवश्यकता में बदल चुकी है| एक छात्राध्यापक को शिक्षण आधिगम प्रक्रिया को प्राभावी बनाने हेतु ही शैक्षिक-तकनीकी पढ़ाना आवश्यक नही है अपितु संस्थान के प्रशासनिक कार्य को तीव्रता से एवं त्रुटिरहित रूप से सम्पादित करने हेतु आवश्यक है| शैक्षिक तकनीकी के मद्ध्यम से विद्यार्थियों की प्रगति अभिलेख तथा उनका शैक्षणिक अभिलेख जैसे उनका अंकपत्र या इनके अंकों का तुकनात्मक अध्ययन तथा एक शिक्षक को अपने विद्यालय प्रबंधन से संपर्क बनाने में अत्यंत सुविधा एवं शीघ्रता होती है| धर्मेन्द्र कुमार पाल बी.एड. (तृतीय छमाही)